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व्याख्याता भर्ती परीक्षा गणित विषय सम्पूर्ण सिलेबस



व्याख्याता-गणित के पद हेतु परीक्षा योजना (कुल अंक-150)
1 बीज गणित, अनुक्रम और श्रेढ़ी, क्रमचय - संचय : 20 अंक
2 त्रिकोणमिति : 20 अंक
3 ज्यामिति, कोआर्डिनेट ज्यामिति : 20 अंक
4 सांख्यिकी, प्रायिकता, रैखिक प्रोग्रामन : 20 अंक
5 अवकलन- समाकलन : 20 अंक
6 शैक्षिक मनोविज्ञान, शिक्षा में आंकलन एवं मुल्यांकन, शिक्षण शास्त्र, शैक्षिक अभिवृत्ति : 30 अंक
7 सामान्य हिन्दी : 05 अंक
8 सामान्य अंग्रेजी : 05 अंक
9 कम्प्यूटर की सामान्य जानकारी : 05 अंक
10 सामान्य ज्ञान : 05 अंक

गणित


1. समुच्चय- समुच्चय, समुच्चयों के मानक निरूपण, समुच्चय का निरूपण, समुच्चय के प्रकार उपसमुच्चय, उपसमुच्चय के प्रगुण, अंतराल R के उपसमुच्चय के रूप में, तुलनीय समुच्चय, घात समुच्चय, सार्वत्रिक समुच्चय (समष्टीय समुच्चय), वेन आरेख, समुच्चयों पर संक्रियाएँ, समुच्चयों के बीजगणित के नियम । 

2. संबंध - क्रमित युग्म, समुच्चयों का कार्तीय गुणन, समुच्चयों के कार्तीय गुणनफल का ग्राफ, दो समुच्चयों के कार्तीय गुणन का तीर आरेख, महत्वपूर्ण प्रगुण, संबंध, सम्बन्ध का निरूपण

3. फलन - अचर चर फलन, वास्तविक फलन का प्रांत, वास्तविक फलन का परिसर या परास, कुछ मानक वास्तविक फलन और उनके आलेख, वास्तविक फलनों का बीजगणित

4. त्रिकोणमितीय फलन — त्रिकोणमिति, कोण, कोणों की माप, रेडियन एक अचर कोण है, डिग्री तथा - रेडियन के मध्य संबंध, त्रिकोणमितीय अनुपात या फलन, त्रिकोणमितीय फलन की वैकल्पिक परिभाषा इकाई वृत्त से, त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ, त्रिकोणमितीय फलनों के चिह्न, त्रिकोणमितीय फलनों का प्रांत तथा परिसर, त्रिकोणमितीय फलनों का मान त्रिकोणमितीय अनुपात।

5. संयुक्त कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात-  योग सूत्र, व्यवकलन सूत्र,

सिद्ध करना कि- (i) cot (A + B) = cot Acot B-1/ cot B + cot A -, (ii) cot (A-B) = cot cot B+1 /cot B- cot A सिद्ध करना कि - (i) sin (A + B)sin (A-B) = sin2 A - sin 2 B = cos2 B- cos 2A 
(ii) cos (A + B) cos (A-B) = cos 2A-sin2B=cos2 B-sin2A व्यंजक asin0+ bcos0 का महत्तम और न्यूनतम मान

6. रूपांतरण सूत्र- गुणन का योग या अंतर के रूप में रूपांतरण, योग या अंतर का गुणन में रूपांतरण।

7. बहुल और अपवर्तक कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात- कोण 2A के त्रिकोणमितीय अनुपात, कोण 3A के त्रिकोणमितीय अनुपात, कोण A/2 के त्रिकोणमितीय अनुपात, कोण A/3 के त्रिकोणमितीय अनुपात, विशिष्ट कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपात.

8. त्रिकोणमितीय फलनों के लेखाचित्र - त्रिकोणमितीय फलनों के ग्राफ खींचने की विधि, y = sinx का लेखाचित्र, y = cos x का लेखाचित्र y = tan x का लेखाचित्र, y = cot x का लेखाचित्र, y = a sin x का लेखाचित्र, फलन y= acos x का लेखाचित्र y = asinbx और y = acosbx का लेखाचित्र, y = a i (bx + c) का आलेख, y = acos (bx + c) का लेखाचित्र 

9. त्रिकोणमितीय समीकरण- त्रिकोणमितीय समीकरण, त्रिकोणमितीय समीकरणों के व्यापक हल, - त्रिकोणमितीय समीकरण sin 20 sina, cos 0 = costo, tan20 = tan2c, के रूप का व्यापक हल, = acose + bsine = जहाँ c<(a2+b2)1/2 के रूप का रैखिक समीकरण ।

10. साइन तथा कोसाइन सूत्र तथा इनके कुछ सरल अनुप्रयोग — कुछ ज्यामितीय गुणधर्म, साइन (sine) सूत्र की उत्पत्ति (ज्या सूत्र), कोसाइन (cosine) सूत्र की उत्पत्ति (कोज्या सूत्र), स्पर्शज्या नियम या नैपियर समतुल्यता।

11. गणितीय आगमन का सिद्धांत- कथन,

12. सम्मिश्र संख्याएँ- की पूर्णांक घातें, काल्पनिक राशियाँ, सम्मिश्र संख्याएँ, सम्मिश्र संख्याओं का बीजगणित, संयुग्मी सम्मिश्र संख्याएँ, सम्मिश्र संख्या का मापांक, सम्मिश्र संख्याओं का वर्गमूल, सम्मिश्र संख्या का निरूपण, द्विघातीय समीकरण।

13. रैखिक असमिकाएँ- परिभाषाएँ कुछ महत्वपूर्ण परिणाम, एक चर राशि की रैखिक असमिका निकाय का हल, एक चर वाले रैखिक असमिकाओं के अनुप्रयोग, एक चर में रैखिक असमीकरणों के ग्राफ, दो चर राशियों के रैखिक असमिकाओं का आलेखीय हल, दो चर राशियों की असमिका निकाय का हल

14. क्रमचय - गणना का मूलभूत सिद्धांत, क्रमगुणित संकेतन, क्रमचय, प्रतिबंधित क्रमचय, वस्तुओं का क्रमचय जो सभी भिन्न न हो, पुनरावृत्ति वाले क्रमचय ।

15. संचय - संचय की परिभाषा, संचयों की संख्या ज्ञात करना, क्रमचय और संचय पर आधारित प्रश्न, समूहों में विभाजन, विभिन्न वस्तुओं में से कुछ अथवा सभी वस्तुएँ लेकर बने संचयों की संख्या ज्ञात करना, (p+ 9 + r) वस्तुओं में से वस्तुएँ एक समान प्रकार की वस्तुएँ समान दूसरे प्रकार की तथा वस्तुएँ समान प्रकार की हों, तो उनमें से एक अथवा अधिक वस्तुएँ लेने पर संचयों की संख्या ज्ञात करना। 

16. द्विपद प्रमेय - द्विपद प्रमेय, द्विपद प्रसार में व्यापक और मध्य पद ।

17. अनुक्रम और भेड़ी-अनुक्रम, समान्तर श्रेढ़ी, समान्तर श्रेढ़ी के पदों का योगफल, समांतर श्रेढ़ी के क्रमागत पद, समांतर माध्य, समान्तर श्रेढ़ी के प्रगुण, समांतर श्रेढ़ी के अनुप्रयोग, गुणोत्तर श्रेढ़ी, गुणोत्तर श्रेढ़ी के पदों का योगफल, अनंत गुणोत्तर श्रेड़ी, गुणोत्तर श्रेढ़ी के क्रमागत पद, गुणोत्तर माध्य, समांतर माध्य n और गुणोत्तर माध्य के बीच संबंध, गुणोत्तर श्रेढ़ी के गुणधर्म, गुणोत्तर श्रेढ़ी के अनुप्रयोग, विशेष श्रेणियों के पदों का योगफल अंतर विधि

18. सरल रेखाएँ– समकोणीय कार्तीय निर्देशांक प्रणाली दो बिन्दुओं के बीच की दूरी, विभाजन सूत्र, त्रिभुज का केन्द्रक और अन्तः केन्द्र, त्रिभुज का क्षेत्रफल, बिन्दुपथ और उसका समीकरण, रेखा का ढाल या प्रवणता, दो बिन्दुओं से होकर जाने वाली रेखा की प्रवणता, दो रेखाओं के बीच का कोण, तीन बिन्दुओं की सरखता, रेखा के समीकरण के विभिन्न रूप, रेखा के व्यापक समीकरण को रेखा के विभिन्न मानक रूपों में परिवर्तित करना, दो रेखाओं के बीच का कोण, दो सरल रेखाओं के प्रतिच्छेद बिन्दु संगामी सरल रेखाएँ दी गई रेखा के समांतर रेखा, दी गई रेखा पर लम्ब रेखा, एक बिन्दु की रेखा से दूरी, दो समांतर रेखाओं के बीच की दूरी, किसी सरल रेखा के सापेक्ष दो बिन्दुओं की स्थिति दी हुई सरल रेखा से दिया हुआ कोण बनाने वाली सरल रेखा, अर्द्धकों के समीकरण दो रेखाओं के प्रतिच्छेद बिन्दु से होकर जाने वाली रेखा।


19. शंकु परिच्छेद- शंकु के परिच्छेद, वृत्त की परिभाषा, वृत्त का मानक समीकरण, वृत्त के समीकरण की विशेष स्थितियाँ, वृत्त का समीकरण जब व्यास के सिरों के निर्देशांक दिये हों, वृत्त का व्यापक समीकरण, शांकव की परिभाषा, शांकव का व्यापक समीकरण जब इसकी नाभि, नियता तथा उत्केन्द्रता ज्ञात हो, परवलय की परिभाषा, प्रमाणिक रूप y = 4ax, a>0 के रूप में परवलय का समीकरण ज्ञात करना, परवलय का अनुरेखण, परवलय का मानक समीकरण, दीर्घवृत्त की परिभाषा, अर्द्ध दीर्घ अक्ष, अर्द्ध लघु अक्ष और दीर्घवृत्त के केन्द्र से नाभि की दूरी तथा उत्केन्द्रता में संबंध, दीर्घवृत्त का मानक समीकरण, नाभिलंब जीवा, दीर्घवृत्त पर स्थित किसी बिन्दु की नाभीय दूरियाँ, दीर्घवृत्त के मानक रूप, दीर्घवृत्त के सापेक्ष किसी बिन्दु की स्थिति, अतिपरवलय की परिभाषा, अतिपरवलय का मानक समीकरण, नाभिलंब जीवा, समकोणीय अतिपरवलय, अतिपरवलय पर स्थित किसी बिन्दु की नाभीय दूरियाँ, संयुग्मी अतिपरवलय, अतिपरवलय के दो मानक रूप

20. त्रिविमीय ज्यामिति का परिचय — त्रिविमीय कार्तीय निर्देशांक पद्धति, अंतरिक्ष में एक बिंदु के निर्देशांक, दो बिन्दुओं के बीच की दूरी, विभाजन सूत्र 

21. सीमा - सामीप्य, x के a की ओर अग्रसर होने का अर्थ, फलन की सीमा, सीमाओं का बीजगणित, बीजीय फलनों की सीमा का मूल्यांकन, त्रिकोणमितीय फलनों की सीमाएँ, त्रिकोणमितीय फलन के सीमा का मूल्यांकन जबकि चर राशि शून्येत्तर राशि की ओर अग्रसर होती है, दक्षिण हस्त और वाम हस्त सीमाएँ ।

22. अवकलन- फलन के अवकलज की मूल अवधारणा, अवकलज की अन्य परिभाषा, किसी बिन्दु पर फलन का अवकल गुणांक, वामावर्ती तथा दक्षिणावर्ती अवकलज तथा अवकलनीयता, अवकल गुणांक का ज्यामितीय अर्थ, प्रथम सिद्धांत से अवकलन, फलनों के अवकलज का बीजगणित, फलन के फलन का अवकल गुणांक

23. गणितीय विवेचन कथन, किसी कथन का निषेधन या निषेध, परिमाणवाचक वाक्यांश, तार्किक संयोजक, कथनों की वैधता को प्रमाणित (सत्यापित करना। 24. सांख्यिकी - प्रकीर्णन की माप, परिसर, माध्य विचलन, माध्य विचलन की परिसीमाएँ, प्रसरण और -मानक विचलन, बारंबारता बंटनों का विश्लेषण ।

25. प्रायिकता प्रायिकता का अर्थ, घटनाओं का बीजगणित, घटना के प्रकार, प्रायिकता का अभिगृहीतीय दृष्टिकोण, प्रायिकता का योग प्रमेय

26. संबंध - संबंध, समुच्चय पर कुछ विशिष्ट संबंध, संबंधों के प्रकार, तुल्यता संबंध, तुल्यता वर्ग 27. फलन फलन, फलन के प्रकार, फलनों का संयोजन, फलनों के संयोजन का गुणधर्म, प्रतिलोम फलन

28. द्विआधारी संक्रियाएँ- द्विआधारी संक्रिया, द्विआधारी संक्रिया के आधार, तत्समक अवयव, प्रतिलोम अवयव, संक्रिया सारणी।

29. प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलन – आधारभूत संकल्पनाएँ, sin फलन का प्रतिलोम, cosine फलन का प्रतिलोम, tangent फलन का प्रतिलोम, cotangent फलन का प्रतिलोम, secant फलन का प्रतिलोम, cosecant फलन का प्रतिलोम, प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलनों के गुणधर्म.

30. आव्यूह -आधारभूत संकल्पना, आव्यूह की परिभाषा, आव्यूहों के प्रकार, आव्यूहों पर संक्रियाएँ आव्यूहों - का अन्तर, आव्यूह का अदिश से गुणन, आव्यूहों का गुणन, वर्ग आव्यूह की पूर्णांक घातें, आव्यूह का परिवर्त, सममित, विषम सममित और लाम्बिक आव्यूह, आव्यूह पर प्रारंभिक संक्रिया या आव्यूह रूपांतरण, व्युत्क्रमणीय आव्यूह

31. सारणिक- सारणिक, उपसारणिक और सहखण्ड, व्युत्क्रमणीय और अव्युत्क्रमणीय आव्यूह, सारणिकों के गुणधर्म, सारणिक के अनुप्रयोग।

32. आव्यूह के सहखण्डज और व्युत्क्रम- आव्यूह का सहखण्डज, आव्यूह का व्युत्क्रम आव्यूह 

33. रैखिक समीकरणों के निकाय- रैखिक समीकरण निकाय ।

34. सांतत्य- किसी बिन्दु पर फलन का सांतत्य, असंतत फलन, अंतराल में सांतत्य, संतत फलनों का बीजगणित। 

35. अवकलनीयता- अवकलनीयता की परिभाषा, बायाँ और दायाँ अवकलज, अंतराल में अवकलनीयता, सांतत्यता और अवकलनीयता के मध्य संबंध.

36. अवकलन - मानक फलनों के अवकलज, प्रतिलोम त्रिकोणमितीय फलनों का मूल सिद्धांत (प्रथम सिद्धांत) से अवकलन, संयुक्त फलनों के अवकलज, त्रिकोणमितीय प्रतिस्थापन द्वारा अवकलन, अस्पष्ट फलनों के अवकलज, लघुगणकीय अवकलन, अपरिमित श्रेणियों का अवकलन, फलनों के प्राथमिक रूपों के अवकलज, एक फलन का दूसरे फलन के सापेक्ष, अवकलन, सारणिक का अवकलन।

37. द्वितीय कोटि का अवकलज- निदर्शी उदाहरण

38. रोले और लैग्रांज प्रमेय- रोले का प्रमेय, लैग्रांज का मध्यमान प्रमेय

39. अवकलज के अनुप्रयोग- राशियों के परिवर्तन की दर त्रुटि और सन्निकटन। 

40. वर्धमान और ह्रास फलन कुछ परिभाषाएँ, वर्धमान और हासमान फलनों के लिए प्रथम अवकलज -परीक्षण, एक बिन्दु पर वर्धमान और ह्रासमान फलन,

41. स्पर्श रेखाएँ और अभिलंब - किसी बिन्दु पर वक्र की स्पर्श रेखा, स्पर्श रेखा और अभिलंब की प्रवणता, वक्र के किसी बिन्दु पर स्पर्श रेखा और अभिलंब के समीकरण दो वक्रों का प्रतिच्छेदन कोण।

42. उच्चिष्ठ और निम्निष्ठ- फलन का उच्चतम और निम्नतम मान, स्थानीय उच्चिष्ठ और स्थानीय निम्निष्ठ, स्थानीय उच्चिष्ठ और स्थानीय निम्निष्ठ के लिए प्रथम अवकलज परीक्षण, स्थानीय उच्चिष्ठ और स्थानीय निम्निष्ट के लिए द्वितीय अवकलज परीक्षण, निरपेक्ष उच्चतम और निरपेक्ष निम्नतम, एक संवृत्त अंतराल में किसी फलन का उच्चतम और निम्नतम मान, उच्चिष्ठ और निम्निष्ठ के अनुप्रयोग।

43. अनिश्चित समाकलन- समाकलन को अवकलन के व्युत्क्रम प्रकम के रूप में अनिश्चित समाकलन, प्रमाणिक समाकलन, अनिश्चित समाकलन का ज्यामितीय निरूपण, समाकलन के मूलभूत प्रमेय, अवकलन एवं समाकलन की तुलना, समाकलन की विधियाँ, प्रतिस्थापन विधि, त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाओं के उपयोग द्वारा समाकलन, jtan xsec" xdx या foot xcosee xdx का समाकलन, कुछ विशेष फलनों का समाकलन, J1ar+bx+c-dx रूप का समाकलन, J___dx रूप का समाकलन,.ax2 + bx + cdxa+bsinxdxpxgNa + bx + cdxa+bcosx usin x+bcos x

-dxdx Vax* + bx + cरूप का समाकलन, भाग कलन विधि,dxdx (asinx+bcosx ) 2 a+bsin2x+ccos xऔर] dx asin x+bcosxsin x+ccos²x dx और J dx dx रूप का समाकलन, J ·J. asin x+bcos.X asinx+bcosx+c dr a+bsinx a+bcos.x रूप का समाकलन, समाकलन, आंशिक भिन्नों द्वारा समाकलन, खण्डशः समाकलन, jet [f(x)+ f (x) ] drरूप की समाकलन, jeer sinhxdx और Je cosbadx रूप का समाकलन, कुछ अन्य प्रकार के प्रमाणिक समाकलन, [Ja©-x?dx,j√s a dr और Vs+adx रूप का समाकलन, [Nar + bx + code समाकलन, [(px+q)√ax² + bx+c dx समाकलन, asin x + beosx esinx dcos X dx रूप का रूप का रूप का dx, x + kr+1 - de, और J रूप का समाकलन

44. निश्चित समाकलन- निश्चित समाकलन, योगफल की सीमा के रूप में निश्चित समाकलन, समाकलन गणित की आधारभूत प्रमेय निश्चित समाकलों में प्रतिस्थापन, निश्चित समाकलों के प्रगुण।

45. समाकलनों के अनुप्रयोग वक्र X- अक्ष और दो कोटियों द्वारा घिरे हुए क्षेत्र का क्षेत्रफल, वक्र -अक्ष और दो भुज द्वारा घिरे हुए क्षेत्र का क्षेत्रफल, एक वक्र एवं एक रेखा से घिरे क्षेत्र का क्षेत्रफल, दो वक्रों से घिरा क्षेत्रफल

46. अवकल समीकरण आधारभूत संकल्पनाएँ, अवकलन समीकरण का निर्माण, अवकल समीकरण का हल, प्रथम कोटि एवं प्रथम घात के अवकल समीकरणों को हल करने की विधियाँ।

47. सदिश बीजगणित कुछ आधारभूत संकल्पनाएँ, सदिशों के प्रकार, सदिशों का योगफल, सदिश योगफल - के गुणधर्म, सदिशों का अन्तर एक अदिश से सदिश का गुणन, किसी बिन्दु का स्थिति संदिश, सदिश को उनके स्थिति सदिशों के रूप में प्रदर्शित करना, एक सदिश का घटक दो बिन्दुओं को मिलाने वाला सदिश खण्ड सूत्र, सदिशों का रैखिक संयोजन, समतलीय संदिश, सदिशों की दिक् कोज्याएँ एवं दिक् अनुपात।

48. सदिशों का गुणनफल दो सदिशों का अदिश गुणनफल, एक सदिश का किसी रेखा पर प्रक्षेप, अदिशगुणनफल का ज्यामितीय अर्थ, अदिश गुणन के प्रगुण, घटकों के पदों में दो सदिशों का अदिश गुणनफल, दो संदिशों के बीच का कोण, दो सदिशों के समांतर होने के लिए प्रतिबंध, दो संदिशों के लंबवत् होने के लिए प्रतिबंध, दो सदिशों का संदिश गुणनफल, सदिश गुणनफल का ज्यामितीय अर्थ, सदिश गुणन के प्रगुण, घटकों के पदों में दो सदिशों का सदिश गुणनफल, दो दिए गये सदिशों के समतल पर लंबवत् सदिश, कुछ महत्वपूर्ण नियम, त्रिभुज का क्षेत्रफल शीर्षो के स्थिति सदिश के पर्दों में, लैग्रांज सर्वसमिका।

49. त्रिविमीय ज्यामिती रेखा के दिक्-कोसाइन, रेखा के दिक्-कोसाइन में संबंध, दिक्- अनुपात, दो बिन्दुओं को मिलाने वाली रेखा की दिक्-कोसाइन, दिक्-कोसाइन के पदों में दो संदिशों के बीच का कोण, दिकू- अनुपात के पदों में दो सदिशों के बीच का कोण, अंतरिक्ष में रेखा का समीकरण, दिए गये बिन्दु से होकर जाने वाली तथा दिए गए सदिश के समांतर रेखा का समीकरण, दो दिए गये बिन्दुओं से जाने वाली रेखा का समीकरण, दो रेखाओं के मध्य कोण, दो रेखाओं का प्रतिच्छेदन, बिन्दु से रेखा की लंबवत् दूरी, दो रेखाओं के मध्य न्यूनतम दूरी, समतल का व्यापक समीकरण, एक बिन्दु (x2) से गुजरने वाले समतल का समीकरण, तीन असरेखी बिन्दुओं से गुजरने वाले समतल का समीकरण, अभिलंब रूप में समतल का समीकरण, एक दिये सदिश के लम्ब तथा दिए हुए बिन्दु से होकर जाने वाले समतल का समीकरण, तीन असरेखीय बिन्दुओं से होकर जाने वाली, समतल का समीकरण, समतल के समीकरण का अंतः खण्ड रूप, दो समतलों के बीच का कोण, दिये गये समतल के समान्तर समतल का समीकरण, दो दिए समतलों के प्रतिच्छेदन से होकर जाने वाले समतल का समीकरण, समतल से दिए गए बिन्दु की दूरी, रेखा और समतल के बीच का कोण, एक रेखा और एक समतल का प्रतिच्छेदन, दी हुई रेखा को एक दिए हुए समतल पर होने की शर्त, दो रेखाओं की सह तलीय होने की शर्त ।

50. रैखिक प्रोग्रामन- रैखिक प्रोग्रामन, रैखिक प्रोग्रामन समस्या के गणितीय संरूपण, रैखिक प्रोग्रामन समस्या को हल करने की आलेखीय विधि (कोणीय बिन्दु विधि), रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं के भिन्न प्रकार

51. प्रायिकता- सप्रतिबंध प्रायिकता, सप्रतिबंध प्रायिकता के गुणधर्म, प्रायिकता का गुणन नियम, स्वतंत्र - घटनाएँ, बेज प्रमेय यादृच्छिक चर और इसकी प्रायिकता बंटन, बरनौली परीक्षण और द्विपद बंटन।

शिक्षणशास्त्र


1. विषयों की प्रकृति एवं कार्य क्षेत्र - अवधारणा, इतिहास, विषयगत सौंदर्यबोध एवं कार्य क्षेत्र, निष्कर्षों की तार्किक वैधता ।

2. शिक्षार्थी अन्वेषण-  विद्यार्थी की तत्परता का मूल्याँकन, अधिगम को वास्तविक जीवन से संबंधित करना, समस्या को स्वतंत्र रूप से हल करने के अवसर, सामूहिक अधिगम युक्तियाँ, कक्षा में संवाद को बढ़ावा ।

3. उद्देश्य एवं प्राप्य उद्देश्य - राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 में शिक्ष के लक्ष्य, उद्देश्य और प्राप्य उद्देश्य विद्यालयीन शिक्षा में विषयगत व्यापक उद्देश्य । 

4. विषयों की पाठ्यचर्या - पाठ्यचर्या रुपरेखा निर्माण के सिद्धान्त, विभिन्न विद्यालयीन स्तरों 'पाठ्यचर्या ।

5. अवधारणाओं के शिक्षण एवं अधिगम हेतु पाठयोजना एवं विधियाँ - विविध शिक्षण विधियाँ एवं पाठ योजना, विविध अधिगम संसाधन (पाठ्यपुस्तक, दृश्य-श्रव्य मल्टी-मीडिया, इत्यादि) ।

शैक्षिक अभिवृत्ति


1. ज्ञान एवं सीखना - अर्थ प्रकृति महत्व, ज्ञान के विविध क्षेत्र, सांस्कृतिक ज्ञान एवं मूल्य । 

2. शिक्षण एक पेशे के रूप में -सकारात्मक अभिवृत्ति, अभिरूचि, एवं अभिक्षमता।

3. शिक्षण- अधिगम प्रक्रिया की समझ प्रभावी शिक्षण प्रक्रिया के मापदंड, प्रभावी सम्प्रेषण,अनुशासन, ग्राहयता, शिक्षण कौशल। 
4. रचनावादी शिक्षण - अधिगम प्रक्रिया, ज्ञान निर्माण की प्रक्रिया, रचनावादी कक्षा-कक्ष की विशेषता, रचनावादी शिक्षक ।

5. शिक्षकों का व्यावसायिक विकास-  सेवापूर्व सेवाकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम अधिगमकर्त्ताओं - का पेशेवर समुदाय नेतृत्व एवं समूह गतिकी (Professional Learning Community, Leadership qualities and group dynamics)

6. शिक्षा का लैंगिक परिप्रेक्ष्य - लिंग का जैविक, सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक निर्धारक, लैंगिक भूमिका का सामाजिक मनोविज्ञान, शिक्षा नीतियां एवं लैंगिक सरोकार, शिक्षा में लैंगिक मुद्दे ।

शैक्षिक मनोविज्ञान


शिक्षामनोविज्ञान की अध्ययन विधियाँ, मानव विकास, शारीरिक विकास, मानसिक विकास, संवेगात्मक विकास, सामाजिक विकास, नैतिक विकास, किशोरावस्था - विकास एवंसमस्याएँ, निर्देशन एवं परामर्श, अधिगम अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक, अधिगम के सिद्धान्त, बुद्धि, सृजनात्मकता, विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चे, वैयक्तिक भिन्नताएँ, व्यक्तित्व, व्यक्तित्व के सिद्धान्त, समायोजन, अभिप्रेरणा.

शिक्षा में आंकलन एवं मूल्याँकन


1. आकलन एवं मूल्याँकन - अर्थ, परिभाषा, मूल्यांकन प्रविधियों के प्रकार आकलन का आधार, वर्तमान मूल्याँकन प्रणाली के दोष, आकलन, मूल्याँकन, परीक्षा / परीक्षण में अंतर सतत् एवं व्यापक मूल्याँकन ।

2. विषय आधारित अधिगम का आकलन- आकलन उपकरण एवं रणनीतियाँ, दत्तकार्य एवं प्रकार, उपलब्धि परीक्षण निर्माण करना एवं उसका वर्गीकरण, योजना कार्य, निर्माण एवं उसके चरण.

3. शिक्षकों में उपयुक्त उपकरण निर्माण की योग्यता-  आकलन उपकरणों का निर्माण, कक्षा एवं विषयवार उपकरणों का प्रयोग, कल्पनाशीलता की विशेषताएँ, प्रकार, आकलन के उपयुक्त मानदंड के उद्देश्य, प्रकार, मानकों का निर्धारण एवं उनका प्रयोग, प्रतिपुष्टि के प्रकार, अधिगम कर्ता प्रोफाईल का निर्माण एवं संग्रहण, पोर्टफोलियो, रूब्रिक, विद्यार्थी प्रोफाईल का रखरखाव

4. परीक्षण- परीक्षण के प्रकार, वर्गीकरण, अच्छे परीक्षण के आवश्यक गुण, प्रशासन, विभिन्न विषयों में उपलब्धि परीक्षणI

सामान्य हिन्दी


1. स्वर, व्यंजन, वर्तनी

2. लिंग, वचन, काल

3. संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, किया, किया विशेषण, कारक

4. समास रचना एवं प्रकार

5. संधि- स्वर, व्यंजन एवं विसर्ग संधि 6. रस व अलंकार, दोहा, छंद, सोरठा

7. व्याकरणिक अशुद्धियाँ

8. शब्द रचना- उपसर्ग एवं प्रत्यय

9. शब्द प्रकार, तत्सम तदभव, देशज, विदेशी 

10. पर्यायवाची, विलोमार्थी, अनेकार्थी शब्द अनेक शब्दों या वाक्यांश के लिए एक शब्द 

11. मुहावरे व लोकोक्तियां

सामान्य अंग्रेजी

UNIT-1 ENGLISH GRAMMAR


1. Number, Gender, Articles

2. Pronoun, Adjectives, Verb, Adverb 

3. Use of some important Conjunctions

4. Use of some important preposition

UNIT-2 TRANSFORMATION OF SENTENCES


1. Active/Passive Voice

2. Direct/Indirect Narration

UNIT-3 VOCABULARY


1. Synonyms/Antonyms

2. One word substitution

3. Spellings

4. Proverb, Idioms and phrases

कम्प्यूटर संबंधी सामान्य ज्ञान


1. कम्प्यूटर का उपयोग- कम्प्यूटर का उपयोग कहाँ-कहाँ एवं किस लिए किया जाता है। इसकी सामान्य जानकारी ।

2. कम्प्यूटर के प्रमुख भाग- सी.पी. यू. इनपुट डिवाईस, आउटपुट डिवाइस की सामान्य जानकारी । 

3. प्रिंटर के प्रकार- इंकजेट, लेजरजेट एवं अन्य प्रकार के प्रिंटर

4. आपरेटिंग सिस्टम के नाम - एम.एस. डॉस, कमर्शियल एवं ओपन सोर्स आपरेटिंग सिस्टम के नाम । 

5. कार्यालय के उपयोग के लायक सामान्य माईक्रोसॉफ्ट ऑफिस के अंतर्गत वर्ड, एक्सेल, एवं पॉवर पाईन्ट की जानकारी । 

6. इंटरनेट के उपयोग- ई-मेल डाक्यूमेंट सर्चिंग, वेबसाईट सर्फिंग विभिन्न सरकारी विभागों के वेबसाईट की सामान्य जानकारी । 

7. एंटीवायरस के उपयोग- कम्प्यूटर वायरस से होने वाले नुकसान एवं कम्प्यूटर वायरस की सामान्य जानकारी।

8. मल्टीमीडिया के उपयोग- ऑडियो, वीडियों एवं टेक्स्ट का उपयोग करने की सामान्य जानकारी।

9. सी.डी./ डी.व्ही.डी. से संबंधित सामान्य जानकारी। 

10. गूगल, अलविस्ता, यू-ट्यूब की सामान्य जानकारी- सर्च इंजिन से वांछित जानकारी कैसे प्राप्त की जाए इसकी सामान्य जानकारी ।

सामान्य ज्ञान


1. भारतीय राजनैतिक व्यवस्था एवं संविधान-  मुख्य संवैधानिक प्रावधान, मौलिक कर्तव्य एवं अधिकार सूचना का अधिकार, सांस्कृतिक, राष्ट्रीय व्यक्तित्व, लोकतंत्र एवं चुनाव लोकसभा, राज्यसभा ।

2. भारतीय इतिहास एवं राष्ट्रीय आंदोलन-  भारतीय सभ्यता एवं सांस्कृतिक, ऐतिहासिक घटनाएं, (छ०ग० बोर्ड के कक्षा 10वीं तक के पाठ्यक्रम स्तर तक), भारतीय स्वतंत्रता का इतिहास 1857 से 1947 तथा 1947 के बाद का घटनाक्रम । 3. भूगोल- छत्तीसगढ़ बोर्ड के कक्षा 10 वीं तक के स्तर तक सामान्य भूगोल, भारत एवं विश्व का भूगोल ।

4. भारतीय अर्थव्यवस्था-  सामाजिक एवं आर्थिक विकास, जनसंख्या परिप्रेक्ष्य, सकल राष्ट्रीय उत्पादन और प्रति व्यक्ति आय पंचवर्षीय योजनाएं, कृषि व ग्रामीण विकास, औद्योगिक विकास, भारतीय अर्थव्यवस्था, बैंक प्रणाली, वर्तमान आर्थिक घटनाक्रम (छ0ग0 बोर्ड के कक्षा 10वीं तक के पाठ्यक्रम स्तर तक ) ।

5. सामान्य विज्ञान- छ०ग० बोर्ड के कक्षा 10वीं तक के स्तर तक भौतिकी, रसायनशास्त्र एवं जीव तथा वनस्पति विज्ञान से संबंधित मूलभूत जानकारी।

6. छत्तीसगढ़ की सामान्य जानकारी- छत्तीसगढ़ का इतिहास, भूगोल, राजनैतिक व्यवस्था, अर्थव्यवस्था शासकीय योजनाएं, पुरस्कार-सम्मान, परम्परायें लोकगीत-संगीत, महत्वपूर्ण व्यक्तिव एवं छत्तीसगढ़ से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण विषय.
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